आदर्श भोजन प्रणाली
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि लगभग 25 वर्ष की आयु में शरीर का बढ़ना बंद हो जाता है। फिर भी, चयापचय की घटना (कोशिका विनाश जिसे अपचय कहा जाता है और कोशिका पुनर्निर्माण जिसे उपचय कहा जाता है) जन्म से मृत्यु तक जारी रहती है। इस प्रकार 25 वर्ष की आयु के बाद भोजन की मात्रा की आवश्यकता को काफी हद तक कम कर देना चाहिए। संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए आपको भोजन के प्रति अपनी सोच, खाने और व्यायाम की आदतों को पूरी तरह से बदलना होगा। संक्षेप में, विभिन्न आयु समूहों के लिए आदर्श आहार प्रणालियाँ इस प्रकार हैं : 8 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चे 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे:
1. सुबह 9:00 बजे तक कुछ नहीं (दूध बिल्कुल नहीं) किसी फल या सब्जी का जूस ले सकते हैं
2. 9:00 से 11:00 बजे के मध्य - स्कूल समय का नाश्ता
3. लगभग 1:00 से 2:00 बजे तक - दोपहर के भोजन में सलाद-चटनी और फल.
और अंकुरित अनाज।
4. शाम 5:00 से 5:30 बजे - फल या सब्जी के जूस के साथ नाश्ता / एक गिलास दूध (वैकल्पिक)
5. रात 8:00 से 9:00 बजे तक - पूर्ण सामान्य संतुलित रात्रिभोज (अधिक सब्जियां)। नोट - यदि स्कूल टाइम पर फल सलाद लेते हैं तो स्कूल से लौटने पर पूरा भजन ले सकते हैं.
18 से 25 वर्ष की आयु के युवा वयस्क:
1. सुबह 11 बजे तक कुछ नहीं.
2. सुबह 11:00 बजे - हरी पत्तियों का रस / फलों का रस और फल और सलाद।
3. दोपहर 12:30 से 1:30 बजे तक - हल्का दोपहर का सामान्य भोजन.
4. शाम 5:00 बजे - स्वाद के लिए नाश्ता। दूध नहीं लेना, रस ले सकते हैं
5. रात 8:00 से 9:00 बजे - पूर्ण सामान्य संतुलित रात्रिभोज (80% सब्जियां और 20% अनाज)।
25 वर्ष और उससे अधिक उम्र:
1. दोपहर के करीब 12 बजे तक कुछ नहीं (चाय/पानी/दूध नहीं), प्यास लगे तो केवल पानी.
2. दोपहर करीब 11 - 12 बजे एक गिलास हरी पत्तियों का रस अथवा फल/सब्जी का रस लें।
3. दोपहर 1:00 से 1:30 बजे के बीच - केवल अपक्वाहार (अंकुरित मूंग आदि की सलाद-चटनी और फल )
सलाद में भरपूर धनिया, पालक, गाजर, पत्तागोभी डाल लें, किशमिश खजूर आदि भी डाल सकते हैं.
4. शाम के करीब 5:00 बजे स्वाद के लिए थोड़ा नाश्ता करें। जिसमे सब्जियों का प्रयोग जरूर करे
5. रात का खाना 8:00 से 9:00 बजे के बीच हो जिसमे कम अनाज (दालें, चावल या रोटी) के साथ अधिक सब्जियों का प्रयोग करें । (80% सब्जियां और 20% अनाज)
6. सप्ताह में एक दिन केवल जूस/फलों और रात में पकी हुई सब्जियों के साथ उपवास करें। (उपवास देखें)7. जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, हर माह तीन-तीन दिन का उपवास किया जा सकता है
अथवा सप्ताह में एक दिन / पंद्रह दिन में एक दिन का उपवास अवश्य करें । (उपवास देखें)
8. साल में दो बार 8-9 दिनों का उपवास - गर्मी की शुरुआत में और सर्दियों की शुरुआत में, नवरात्री के अवसर पर (उपवास देखें)
